बुरे कर्म-फल को अच्छे कर्म से
कम या खत्म किया जा सकता है
ऐसी सम्भावना या मान्यता के कारण ही
ज्योतिष में उपाय बताये जाते हैं
लेकिन यह कौन निर्णय लेता है कि
किस से क्या कट सकता है
यहाँ कुछ किसी से नहीं कटता है
बुरे का बुरा और अच्छे का अच्छा
लेकिन दोनों अलग-अलग मिलते हैं
ब्रह्माण्ड में सब गोल-गोल घूम रहा है
जैसा करोगे वैसा लौट कर वापिस आएगा
रात के बाद दिन के बाद रात आनी निश्चित है
वरना गीता का कर्म योग और
ज्योतिष की भविष्वाणी गलत साबित हो जायेगी