कवितायें
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मुझे न ढूंड पाओगे तुम…..
हर सपने, हर अपने में हो तुम हर सोच, हर मौज में हो तुम मगर मुझे न ढूंड पाओगे तुम | हर सांस, हर धड़कन में हो तुम हर जगह, हर दिशा में हो तुम मगर मुझे न ढूंड..
आगे पढ़ें ..........अभी तो मैं जवान हूँ……
बाल पकने लगे हैं फिर भी रंग लेता हूँ | दांत टूटने और धसने लगे हैं फिर भी बेसाख्ता हँस लेता हूँ | क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ चेहरा ढलने लगा है फिर भी लीप-पोत लेता हूँ..
आगे पढ़ें ..........एक मेरा दोस्त है
एक मेरा दोस्त है जो मेरी ख़ामोशी को बिन कहे सुन लेता है एक मेरा दोस्त है जो मेरे हर गम को गले लग भुला देता है एक मेरा दोस्त है जो मेरी हर ख़ुशी में खुश..
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