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अभी तो मैं जवान हूँ……


 

बाल पकने लगे हैं

फिर भी  रंग लेता हूँ |

दांत टूटने और धसने लगे हैं

फिर भी बेसाख्ता हँस लेता हूँ |

क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ

 

चेहरा ढलने लगा है

फिर भी लीप-पोत लेता हूँ |

चश्मे का नंबर बढ़ने लगा है

फिर भी बिन चश्मा पढ़ने की कोशिश कर लेता हूँ |

क्योंकि अभी तो मैं जवान है

 

कमर नहीं देती साथ मेरा

फिर भी योगा कर लेता हूँ

पैर लड़खड़ाने लगे हैं

फिर भी तेज चल लेता हूँ

क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ

 

उम्र अब साठ छू चुकी

फिर भी हर काम कर लेता हूँ

दिल कमजोर हो चला है

फिर भी दिल्लगी कर लेता हूँ

क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ

 

करीबी अपने समझते नहीं

जिस दिन कवि बूढा हो जाएगा

उस दिन दिवार पर टंग जाएगा

ऐसा हरगिज मैं चाहता नहीं

क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ  क्योंकि अभी तो मैं जवान हूँ……