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एक अधूरी कहानी अंतिम भाग


 

सोनाक्षी की नींद अचानक खुलती है | वह जल्दी से पास पड़े स्टूल से अपना मोबाइल उठा कर समय देखती है | वह साथ बेखबर सोई रूही को झटकते हुए बोली `गधी, जल्दी से उठ | सुबह के आठ बज रहे हैं’ | रूही अपनी आँखें पोंछते हुए बोली `पागल है क्या | बाहर तो अंधेरा है | आठ कैसे बज सकते हैं’ | सोनाक्षी गुस्से से बोली `बेवकूफ बहुत गहरे बादल हैं | शायद बारिश या बर्फ पड़ रही है | मैं देखती हूँ’, कह कर वह उठ कर खिड़की पर पड़े परदे को हटा कर बाहर झाँक कर देखते हुए बोली `बाहर हल्की-हल्की बारिश हो रही है’ |

रूही एक बार फिर अपना सिर रजाई से ढंकते हुए बोली `आज घूमने जाने का प्रोग्राम तो कैंसिल ही समझो | अब बकबक मत करना | इतना अच्छा सपना देख रही थी | पागल ने बिना बात के उठा दिया’ | रूही की बात सुन सोनाक्षी आ कर वापिस बेड पर बैठ जाती है | वह काफी देर बेड पर बैठ शून्य में देखती रहती है | जब मोबाइल पर साड़े-आठ का अलार्म बजने लगता है तो उसका ध्यान टूटता है | वह मोबाइल का अलार्म बंद कर चुपचाप बाथरूम में चली जाती है |

कुल मिलाकर यही उनकी कहानी थी | वह तीन दिन में नजदीक आये और फिर सदा के लिए बिछुड़ गये | ऐसा जिन्दगी में बहुत बार बहुत लोगों के साथ होता है | कई बार एक गलती बहुत महंगी पड़ती है | बहुत बार जिन्दगी दुबारा मौका नहीं देती है | यही सोनाक्षी और रूही के साथ भी हुआ |

नहाने के बाद सोनाक्षी मुस्कुराते हुए खिड़की के पास आती है | खिड़की से बाहर झांकते ही उसकी चीख निकल जाती है | उसकी चीख सुन कर रूही भाग कर आती है | वह देखती है कि अहान और अंश के कमरे की खिड़की होटल में काम करने वाला साफ़ कर रहा था और एक कर्मचारी बेड साफ़ कर रहा था | ऐसा तो तभी होता है जब कोई कमरा छोड़ देता है | ऐसा विचार आते ही दोनों नीचे की ओर भागती हैं | वह हाँफते हुए होटल में पहुँचती हैं |

रिसेप्शन पर जाकर रूही ने पहली मंजिल पर रहने वाले चार लड़को के बारे में पूछा | रिसेप्शन में बैठी महिला ने बताया कि वह लोग तो आज सुबह सात बजे के करीब ही चले गये हैं | यह सुन कर दोनों हैरान हो जाती हैं | दोनों चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाती हैं | उन दोनों को हैरान-परेशान देख वह महिला बोली उनकी बातों से पता लगा कि अंश के पिता को कल रात दिल का दौरा पड़ा था और उनकी हालत काफी खराब है | इसीलिए वह लोग खराब मौसम के बावजूद वापिस चले गये | वैसे उनकी परसों तक की थी |

यह सुनकर वह दोनों मुँह लटकाए होटल से बाहर आ जाती हैं | दोनों भारी क़दमों से कमरे में आकर बिस्तर पर लेट जाती हैं | दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो करें क्या ? दोनों काफी देर तक अपने आपको कोसती रहीं कि उन्होंने अपनी जिन्दगी की सबसे बड़ी गलती उनका फ़ोन नंबर न लेकर की है | लेकिन अब सिर्फ पछताने के इलावा और कुछ नहीं हो सकता है |

दोनों ने फिर भी उम्मीद नहीं छोड़ी थी | वह दोनों उस दिन कई बार उस होटल में गईं | उन्होंने होटल में जाकर होटल के कई कर्मचारियों से उन लोगों का पता पूछा लेकिन हर किसी ने एक ही बात बोली कि हम अपने किसी भी गेस्ट का पता नहीं बताते हैं | वह दोनों जब एक बार फिर शाम को गईं तो एक और बुरी खबर मिली | होटल के एक कर्मचारी ने बताया कि आज सुबह दिल्ली के नंबर की गाड़ी शिमला से वापिस जाते हुए फिसल कर पहाड़ी से नीचे गिर गई है | हमें लगता है शायद वह गाड़ी उन्हीं की थी क्योंकि जो हमें खबर मिली है | उसमें भी चार लोग थे और जो फ़ोन नंबर हमारे पास है वह भी फ़ोन भी नहीं लग रहा है | वह दोनों सुन कर सुन्न हो जाती हैं |

ये गलती न सिर्फ सोनाक्षी और रूही से हुई थी बल्कि अहान और अंश से भी हुई थी | क्योंकि वह चारों जब शिमला से वापिस जा रहे थे उस समय उनसे आगे जा रही गाड़ी अचानक ब्रेक लगाने के कारण फिसल कर गहरी खाई में गिर गई थी | उस समय काफी गाड़ियाँ धीमी गति से आ-जा रही थीं | क्योंकि सड़क गीली थी और बारिश तेज हो रही थी | अंश जैसे ही बाहर निकला उसका फ़ोन फिसल कर नीचे गिर गया था |

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