दोस्तों, पिछले भाग में हमने राशियों का स्वाभाव अर्थात हम उन राशियों से क्या विचार करते हैं वह लिखा था | उसी को हम सरल तरीके से एक बार फिर से समझा रहे हैं | क्योंकि राशि का स्वाभाव याद रखना बहुत जरूरी है | आगे फलित ज्योतिष में इसका बार-बार प्रयोग होगा |
चर यानि movable राशि – मेष, कर्क, तुला और मकर |
स्थिर यानि fixed राशि – वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुम्भ |
द्विस्वभाव/सामान्य यानि common राशि – मिथुन, कन्या, धनु और मीन |
विषम यानि odd राशि – मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुम्भ हैं और ये क्रूर(cruel) और पुरुष जाति की होती हैं |
सम यानि even राशि – वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन हैं और ये सौम्य और स्त्री जाति की होती हैं |
अग्नि तत्व यानि fiery राशि – मेष, सिंह और धनु |
पृथ्वी तत्व यानि earthy राशि – वृषभ, कन्या और मकर |
वायु तत्व यानि airy राशि – मिथुन, तुला और कुम्भ |
जल तत्व यानि watery राशि – कर्क, वृश्चिक और मीन |
लम्बे समय तक चढ़ाव या आरोहण यानि long ascension राशि – कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु |
छोटे समय तक चढ़ाव या आरोहण यानि short ascension राशि – मेष, वृषभ, मिथुन, मकर, कुम्भ और मीन |
फलदायक यानि fruitful राशि – कर्क, वृश्चिक और मीन |
निष्फल यानि barren राशि – मिथुन, सिंह और कन्या |
शिरोदया (rise by head) राशि – मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और कुम्भ | मिथुन के सिवाय बाकि राशि दिन में उदय होती है |
पृश्तोदय (rising by hinder part) राशि – मेष, वृषभ, कर्क, धनु और मकर | इन राशियों के साथ मिथुन राशि रात में उदय होती है |
मीन राशि ही केवल एक राशि है जो दिन और रात दोनों में उदय होती है |
उपरोक्त बारह राशियों का जैसा स्वरुप बतलाया गया है लगभग वैसा ही स्वाभाव इन राशियों में पैदा हुए बच्चों का होता है | जन्मकुडली में राशि और ग्रहों के स्वाभाव या स्वरुप को आधार मानकर ही फलादेश पर विचार किया जाता है | दो व्यक्तियों या विवाह के लिए वर और कन्या के आपसी सम्बन्ध के लिए भी राशि और ग्रहों के बीच आपसी दुश्मनी या मित्रता या पारस्परिक स्वाभाव को ही आधार मान कर ही फैसला किया जाता है |
पृथ्वी तत्व और जल तत्व वाली राशियों के जातक में तथा अग्नि तत्व और वायु तत्व वाली राशियों के जातक में परस्पर मित्रता रहती है | पृथ्वी और अग्नि तत्व, जल और अग्नि तत्व एवं जल और वायु तत्व वाली राशियों के जातक में परस्पर दुश्मनी रहती है |
राशियों से शरीर के अंग भी देखे जाते हैं | मेष से सिर, वृषभ से मुख, मिथुन से स्तन मध्य, कर्क से हृदय, सिंह से उदर, कन्या से कमर, तुला से पेडू, वृश्चिक से लिंग, धनु से जंघा, मकर से दोनों घुटने, कुम्भ से दोनों जांघ एवं मीन राशि से दोनों पैरों का विचार किया जाता है |