ज्योतिष विज्ञान
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ज्योतिष – भाग-13
चौथा भाव या घर : चौथे घर में यदि मकर, कुम्भ, मीन, धनु, मेष, वृशिच्क, कर्क या तुला राशि हो और राहू हो तो ऐसा जातक किराये में मकान रहने वाला आश्रित होगा | अपना मकान बनने पर उसे मानसिक..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – भाग-12
राहू और केतु ग्रह :- दोस्तों, भाग – 10 एवं भाग – 11 में ग्रहों के साथ-साथ उनकी राशियों के बारे में विस्तार से समझाया गया है | अब हम उन दो ग्रहों के बारे में बताते हैं जिन्हें हम..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष-11
चन्द्र ग्रह – शांत ग्रह माना जाता है | इस ग्रह को मन या मस्तिष्क का ग्रह माना गया है | ऐसा जातक क्षमाशील, न्यायप्रिय, दयालु, शान्ति प्रिय, मिलनसार स्वाभाव का होता है | कर्क राशि – कर्क चौथी राशि..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – 10
दोस्तों, जैसा कि हमने पिछले भाग में कहा था कि अब फलित ज्योतिष विस्तार से शुरू होगा | अतः आज सबसे पहले राशि और उनके स्वामी को विस्तार से समझते हैं | दोस्तों, अगले कुछ भागों में हम ग्रह,राशि और..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष भाग -9
दोस्तों, पिछले भाग में हमने राशियों का स्वाभाव अर्थात हम उन राशियों से क्या विचार करते हैं वह लिखा था | उसी को हम सरल तरीके से एक बार फिर से समझा रहे हैं | क्योंकि राशि का स्वाभाव याद..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष भाग – 8
दोस्तों, हमने भाग -5 में बारह राशि और उसके मालिक या स्वामी ग्रह के बारे में जाना | भाव या घर क्या होते हैं और हम इसे ज्योतिष में कैसे देखते हैं तथा लग्न क्या होता है और पहले घर..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – भाग-7
दोस्तों, हम इस भाग से अगले कुछ भाग में आपको ज्यादात्तर फलित ज्योतिष और कुछ गणित ज्योतिष के सामान्य नियम बताएँगे | कृपया इन नियम को जानकार अपनी कोई राय मत बनाइएगा | क्योंकि यह फलित ज्योतिष के आधारभूत नियम..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – भाग 6
दोस्तों, जैसा कि हमने पिछले भाग में कहा था | आज हम एक कुंडली बना कर अभी तक बताए गए सब सामान्य नियम सामान्य भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे | लेकिन हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे ज्योतिष के नियम..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष भाग-5
दोस्तों, आइये ज्योतिष के कुछ सामान्य नियम सीखें | ज्योतिष में मूलतः दो भाग है : 1. गणित ज्योतिष जोकि एस्ट्रोनॉमी पर आधारित है और जिसका प्रयोग कुंडली बनाने के लिए किया जाता है | इसके इलावा गणित ज्योतिष में..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष भाग -4
ज्योतिष, ब्रह्मज्ञान है जिसके जरिए आप पिछले जन्म में किए गये कर्म का फल जो इस जन्म में प्राप्त होगा वह बताता है | हमारी राय में जब ज्योतिष कर्म-फल बताता है तो किसी भी तरह का कोई भी उपाय..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – भाग -3
ज्योतिष के बारे में विज्ञान या आज का पढ़ा-लिखा वर्ग कुछ भी कहे, क्या फर्क पड़ता है | सच तो सच ही रहेगा, किसी के कहने या न कहने से उस में कोई फर्क नहीं पड़ेगा | आज का..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष – भाग-2
दोस्तों, गीता हमें कर्म और कर्मफल के बारे में बताती है | आपको हमने पहले भी Law of Motion के बारे में बताया है कि किस तरह हमारे कर्मों का फल घूम कर हमें वापिस मिलता है | बहुत..
आगे पढ़ें ..........ज्योतिष भाग -1
ज्योतिष 27 नक्षत्र, 7 ग्रह और 2 छाया ग्रह (राहू,केतू) और 12 घर या खाने या HOUSE पर केन्द्रित एक ऐसा दिव्य ज्ञान है जिसे साइंस भी कहना कम लगता है | ज्योतिष के बारे में कहा जाता है..
आगे पढ़ें ..........परा-भौतिक
पैरानॉर्मल यानि जो नार्मल नहीं है अर्थात असामान्य | मनोगत विज्ञान (Occult Science) असामान्य अनुभवों का वर्णन करता है जो कथित तौर पर वैज्ञानिक स्पष्टीकरण या घटना के अभाव में विज्ञान की वर्तमान क्षमता को समझाने या मापने की..
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